नरसिंहपुर जिले को मिली बड़ी सौगात, पहली बार नियुक्त हुआ लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ"......

 "नरसिंहपुर जिले को मिली बड़ी सौगात, पहली बार नियुक्त हुआ लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ"......

नरसिंहपुर से आकाश तिवारी की रिपोर्ट...........


मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2022 से 2024 सत्र के लिए प्रदेश भर से 10 अभ्यार्थियों का  मास्टर ओफ़ पब्लिक हेल्थ हेतु दो चरणों में परीक्षा लेकर चयन किया गया था, जिसमें नरसिंहपुर जिले से  डॉ देवेंद्र रिपुदमन सिंह ने सर्वप्रथम उक्त स्नातकोत्तर  पूर्ण की है। यह स्नातकोत्तर ए.सी.एस.आई.आर विश्वविद्यालय जो पार्लियामेंट एक्ट के  इंस्टिट्यूट ओफ़ नेशनल इंपोर्टेंस के अंतर्गत  आती है से संबंधित पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया जो पब्लिक हेल्थ रिसर्च 2024 (मार्च) की ग्लोबल रैंकिंग में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को पछाड़ विश्व में दूसरे स्थान पर है, के द्वारा चलाए जा रहे 5 प्रमुख संस्थानों में से एक इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ पब्लिक हेल्थ दिल्ली से  पूर्ण की गई एवं दिल्ली के प्रसिद्ध भारत मंडपं में आयोजित समारोह में जो केंद्रीय विज्ञान एवं तकनीकि मंत्री श्री जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुआ में स्नातकोत्तर उपाधि प्रदान की गई जो जिले के लिए गौरव की बात है। 


  प्रथम श्रेणि से उत्तीर्ण डॉ देवेंद्र रिपुद मन द्वारा इस दौरान अनेक अकादमिक गतिविधि में भाग लिया गया, जिसमें सत्र के अंत में उनके द्वारा किये गए शोध कार्य जो एक अवलोकन संबंधी अध्ययन था में यह पाया की टी बी की बीमारी से ग्रसित कुछ मरीजों में यह देखा गया की टी बी  का इलाज शुरू करने के उपरांत उनमें पानी की कमी के लक्षण पाए गए जैसे उल्टी, उबकाई ,निर्जलीकरण एवं पेट दर्द जैसी समस्या देखने को मिली, जिससे ऐसे मरीजों के द्वारा बीच में ही इलाज बंद करने की अधिक संभावना बनी रहती हैं जो आगे चलकर और  भी गंभीर किस्म की दवा-प्रतिरोधी टी बी में परिवर्तित हो सकती हैं।  डॉ रिपुदमन का यह सुझाव है की टी बी का मरीज अगर पीने के पानी की मात्रा बढ़ाकर एवं पानी पीने संबंधी व्यवहार परिवर्तन करे तो  टी बी के उपचार दर में सुधार, टी बी से मृत्यु दर में कमी और टी बी के इलाज को बीच में ही छोड़ देने के दर में कमी आने की संभावना हो सकती है ,जो इलाज में और बेहतर परिणाम दे सकते हैं।इस पर आगे और प्रयोगात्मक अध्यन की आवश्यकता है ।



       दूसरे वक्तिंगत अध्यन में जो एक प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय साइंटीफिक जॉर्नल्( 2024 International Journal of Scientific Research )के जून अंक में प्रकाशित  हो चुकी है,  जिसमें उत्तराखंड के शोधकरताओं के साथ मिलकर डॉ रिपुदमन ने मम्प्स बीमारी   के प्रकोप को मैथमेटिकल मॉडलिंग ओफ़ डिसीज़ के माध्यम से पुनः अध्यन किया । इस अध्यन के माध्यम से बीमारी के भविष्य होने वाले प्रचलन को पूर्व से ही गणित्य गड़ना कर जाना जा सका , जिससे बीमारी के समुदाय में फैलने के पहले ही उसकी रोकथाम और बेहतर तरीके से की जा सकी। 

    डॉ देवेंद्र रिपुदमन सिंह बीमारी के इलाज की अपेक्षा बीमारी की रोकथाम के पैरोकार हैं और यही एक लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ का कार्य है, उनका मानना है की लोक व्यवहार परिवर्तन जो एक दुष्कर कार्य है, परंतु अगर समाज  बीमारी की रोकथाम के लिए अपने निजी जीवन में व्यवहार  परिवर्तन  को अपना सके जैसे पोषण युक्त आहार, जिसमें उचित और सुरक्षित खान-पान सहित सही समय और सही मात्रा में स्वच्छ पानी पीना शामिल है, निजी स्वछता, पूर्ण निद्रा, हलका व्यायाम, और समय समय पर विषहरण (detoxification) इत्यादि शामिल हैं, तो एक व्यक्ति अपने सालाना अस्पताल जाने के दर में कमी ला सकता है। जिससे एक परिवार के सालाना स्वास्थ्य खर्चे में भी कमी आने की संभावना है।

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