मध्यप्रदेश दिवस 1 नवम्बर पर विशेष मध्यप्रदेश के विकास की रोमांचक यात्रा.........

मध्यप्रदेश दिवस 1 नवम्बर पर विशेष मध्यप्रदेश के विकास की रोमांचक यात्रा......... भोपाल.......... मध्यप्रदेश की रोमांचक विकास यात्रा के बारे में विस्तार से जानते हुए 1911 की जनगणना रिपोर्ट के पन्ने पलटना भी रोमांचक अनुभव से कम नहीं। यह रिपोर्ट आईसीएस जे.सी. मार्टिन ने तैयार की थी। वे सेंट्रल प्रोविंस एंड बेरार के सुपरिंटेंडेंट ऑफ़ सेंसस ऑपरेशंस थे। वर्ष 1901 से 1910 के दशक में बेरार प्रोविंस को सेंट्रल प्रोविंस में शामिल किया गया। इस प्रकार सेंट्रल प्रोविंस के 8 ब्रिटिश जिले बेरार के चार जिले और 15 सामंती राज्यों को मिलाकर जनगणना होनी थी। यह पांचवीं जनगणना थी जो 10 मार्च 1911 में शुरू हुई। कुल 91,770 गणनाकार, 8,422 सुपरवाइजर और 675 चार्ज सुपरिंटेंडेंट मिलाकर एक लाख से ज्यादा का स्टाफ जनगणना के लिए था। यह क्षेत्र एक लाख 31 हजार वर्ग मील था। जनसंख्या 160 लाख थी। यह ब्रिटिश इंडिया के कुल क्षेत्रफल का 7.3% था, जो जापान के क्षेत्रफल से थोड़ा काम। आज का मध्यप्रदेश जो पहले मध्य भारत प्रांत था वह इसी सेंट्रल प्रोविंस एंड बेरार का भाग था। वर्ष 1911 की सेंसस रिपोर्ट के साक्षरता संबंधि...