देवदूत बने एनडीआरएफ- एसडीआरएफ के जवान बड़वाह में आपदा पीड़ित क्षेत्रो में जान पर खेलकर बचाई 35 जिंदगीया- सांसद पाटिल ........
देवदूत बने एनडीआरएफ- एसडीआरएफ के जवान बड़वाह में आपदा पीड़ित क्षेत्रो में जान पर खेलकर बचाई 35 जिंदगीया- सांसद पाटिल ........
बड़वाह। बीते शनिवार को लगातार बारिश से बड़वाह एवं आसपास के क्षेत्रो में बाढ़ जैसे हालात बने। एक तरफ जहां बाँध द्वारा पानी छोड़े जाने के कारण जल स्तर बढ़ने पर मोरटक्का पुल पूरा जलमग्न हो गया। तो वही दूसरी तरह चोरल एवं पढाली नदी भी उफान पर थी। मूसलाधार बारिश के चलते जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। गांव से लेकर शहर तक हर जगह पानी भर गया। देवदूत बने NDRF- SDRF के जवान बड़वाह शहर के निचली बस्तियो और नर्मदा किनारे बसे गांव, आश्रमो से संत -महात्माओं व गांव के लोगों को इस भयंकर आपदा पीड़ित क्षेत्रो में जवानों ने अपनी जान पर खेलकर 35 लोगों का रेस्क्यू कर उनको बाहर निकाला और राहत सामग्री उपलब्ध कराई। टीम ने बड़वाह शनिवार शाम को ही डेरा डाला ओर रविवार सुबह तक लोगो को बाहर निकालने में लगी रही
एनडीआरएफ टीम के इंस्पेक्टर राहुल सिंह ने सामाजिक सरोकार का संदेश दिया उनके घर मे उनकी पत्नी प्रेग्नेंट अवस्था में थी तब भी राहुल बड़वाह मैं लोगों की जान बचाने के लिए लगे रहे। इस दौरान सुबह उनके घर मे पुत्र रत्न की प्राप्ति हो जाती है। टीम के साथ मे बड़वाह के समाजसेवी बृजेश यादव भी पूरी रात टीम के साथ मदद करते रहे। यादव ने बताया कि बड़वाह की इस भयंकर आपदा में एनडीआरएफ- एसडीआरएफ के जवानों की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है जिन्होंने अपनी जान पर खेल कुल 35 जिंदगी बचाई है। जवानों का सांसद पाटिल के निर्देश पर यादव ने पूरी टीम के गले मे गमछा डालकर उनका सम्मान किया गया। तालाब और खेत-खलिहान के साथ कुछ लोगों के घरों में बारिश का पानी घुस गया था|वही आश्रमों में पानी घुसने से नाव से संत-महंतो को सुरक्षित बाहर निकालने में बड़वाह के समाज सेवी ने भी योगदान दिया
सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल भी बाढ़ पीड़ितों ओर अधिकारियों से सीधे संपर्क में रहे
आपदा की इस घड़ी में संसद पाटिल भी अधिकारियों से सीधे संपर्क में रहे और उनसे पूरी जानकारी ली। साथ ही जो बाढ़ में फंसे लोगों से सीधे बात कर उनसे हर सम्भव मदद करने को लेकर आश्वस्त किया।
एनडीआएफ- एसडीआरएफ की टीम का आभार व्यक्त करता हूं
सांसद पाटिल ने कहा कि देश की आपदा में अपने अपनी जान पर खेलकर लोगों की जिंदगियां बचाई, जो देश के लिए बहुत गर्व की बात है जहाँ भी आपदा आती आप हमेशा तैयार रहते हैं आपको में सेल्यूट करता हूं। एसडीएम प्रदीप सोनी, एसडीओपी विनोद दीक्षित, तहसीलदार शिवराज कनासे, सीईओ कंचन डोंगरे, टीआई प्रीतम सिंह ठाकुर सहित प्रशासनिक अमला भ्रमण करके पूरी निगरानी रखा हुआ था। बडवाह से चार किलोमीटर दूर ग्राम कटघडा के मानकर मोहल्ले में 10-12 घर पानी से लबालब हो गए,सरपंच एवं सचिव सचिव योगेश सिंग द्वारा तुरंत ही मकान खाली करवाया गया। गिरते पानी में ही लोगो ने अपने मकानों को खाली करके अपने रिश्तेदारों एवं अन्य लोगो के घरो में सामान रख कर रात गुजारी थी।
*चार आश्रम में फसे संत-महंत* कटघडा पंचायत के निलगिरी आश्रम सहित चार आश्रमों के पाडली नदी एवं चोरल नदी से होते हुए नर्मदा जी में मिली है आसपास बारिश का पानी घुस गया था। जिससे आश्रम के अंदर ही संत-महंत फंसे हुए थे। सुचना मिलते ही एसडीएम, तहसीलदार एवं प्रशासनिक टीम पहुंची। उन्होनो नाव की व्यवस्था करके चारो आश्रमों के करीब 10-12 संत-महंतो को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
खरगोन कलेक्टर और एसपी पुरी जानकारी लेते रहे
इस आपदा में खरगोन कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा एसपी धर्मवीर सिंह नर्मदा किनारे बसे गांवो से सतत संपर्क में थे इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी 1.30 रात को कलेक्टर से वीडियो कांफ्रेंस पर जानकारी लेते रहे। रविवार को सुबह मौका निरीक्षण भी किया गया। नुकसान के लिए राहत राशि का आश्वासन दिया।
जयंती माता मन्दिर की सीढ़ियों तक पहुंचा पानी
काटकूट बड़वाह को जोड़ने वाले बरझर ग्राम के पास बने पुल से चोरल नदी बह रही है। सुबह करीब 6.30 बजे से यह स्थिति है।जिससे काटकूट एवं बड़वाह मार्ग पर अवागमन लगभग ठप्प हो गया है। हालंकि कुछ लोग अपनी जान जोखिम में डालकर सड़क पार कर रहे है। इधर चोरल नदी के किनारे माँ जयंती माता मन्दिर की सीढ़ियों तक पानी पहुंच गया है।मन्दिर पहुंच मार्ग बंद हो गया है।बड़वाह सिद्धवरकूट मार्ग भी चोरल नदी के जल स्तर मे वृद्धि के कारण बंद हो गया है। चौड़ापाट पुल पर से चोरल नदी तेजी से बह रही है। चोरल नदी से लगी पढाली नदी भी पुरे वेग से बह रही है। वन विभाग कार्यालय के सामने पढाली नदी पर बने पुल पर भी पानी करीब एक फिट तक बह रहा है। यहाँ एहतियातन वन विभाग के कर्मचारी पुल पर से निकलने वालो को सख्ती से रोक रहे है।