कृषि विभाग एवं जिला सहकारी समितियों की गड़बड़ी के खिलाफ उज्ज्वल भारत पार्टी ने दिया ज्ञापन ....

 कृषि विभाग एवं जिला सहकारी समितियों की गड़बड़ी के खिलाफ उज्ज्वल भारत पार्टी ने  दिया ज्ञापन ....


    कृषि विभाग एवं जिला सहकारी समितियों एवं किसानों के बीमा करने बाली बीमा कंपनियों की गड़बड़ी के खिलाफ उज्ज्वल भारत पार्टी  का अनिश्चितकालीन धरना नरसिंहपुर के जनपद पंचायत लोक सेवा केन्द्र ग्राउंड में धरना प्रदर्शन चंल रहा है। किसानों के इस धरना का नेतृत्व उज्ज्वल भारत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ताराचंद पटेल ने किया। यह धरना कृषि विभाग एवं जिला सहकारी समितियों के  द्वारा कथित तौर पर हो रही गड़बड़ी की जांच कराने की मांग को लेकर आयोजित किया गया है , एवं कलेक्टर को इन मांगों से संबंधित लिखित ज्ञापन भी सौंपा। इस धरना में उज्जवल भारत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तारा चंद्र पटेल,महासचिव विष्णु विश्वकर्मा,चौधरी प्रदेश उपाध्यक्ष भीकम सिंह, राजेन्द्र पटेल हरि सिंह ठाकुर राम नरेश पटेल,योगेश विश्वकर्मा, राजा कुशवाहा, प्रदीप रजक मीडिया प्रभारी सुमित साहू, महिला मोर्चा अध्यक्ष सुषमा चौरसिया, किसान नेता बाबू लाल पटेल देवेंद्र दुबे सहित अन्य प्रमुख लोग भी शामिल हुए।

 किसानो का कहना है की जिला में रबी तथा खरीफ दोनों सीजनों में किसान से बीमा का परमियम काट लिया जाता है परंतु किसानों को बीमा का लाभ नही मिलता जब एक वर्ष में किसान से दो बार बीमा का पैसा लिया जाता है तो उसे बीमा का लाभ क्यो नही मिलता क्या बीमा कम्पनी ही फर्जी तरीखे से बीमा करती है या फिर अधिकारी की मिलीभगत से किसानों को बीमा की राशि नही मिल पाती आखिर बीमा का लाभ मिलता किसको है हम इस आंदोलन के माध्यम से सरकार से जानना चाहते है कि आखिर किसान को बीमा का लाभ क्यो नही मिलता जितना परमियम काटा जाता है एवं अभी तक कितने किसानों को बीमा का लाभ मिला वह किसानों की नाम पता सहित लिस्ट सार्वजनिक होना चाहिये।


एवं जिले में संचालित हो रही कीटनाशक खाद बीज की दुकानों में फर्जी कम्पनियों का नकली के माल सप्लाई हो रहा है उसकी तुरन्त जांच हो एवं यूरिया वितरण में किसी का भी थम्ब लगाकर मसीन से यूरिया की ब्लेक में निकासी की जाती है जो किसान वाजिब हक दार है उसको यूरिया नही मिलता और जिसके पास किसानी नही है उसका थम्ब लगाकर यूरिया को  सरकारी रेट 267/ रुपया रहता है परंतु ब्लैक में वह यूरिया की बोरी 450/ से लेकर 550/ रुपये तक मे बेची जाती है जिससे किसानों को सही मात्रा और सही रेट से खाद नही मिल पाता है इस यूरिया खाद की दुकानों से थम्ब लगाकर दिये गये किसानों के वितरण की सूची प्रदान कर सार्वजनिक की जाये जिससे किसानों को पता रहे कि किसको कितना यूरिया मिला।

सहकारी समितियों में  किसान अपने कर्ज का पैसा जमा करता तो उसे समिति प्रबन्धक के द्वारा जमा की रसीद थमा दी जाती है परंतु पैसा किसान के खाते में जमा नही होता है जिसका अभी उदाहरण बरमान में राजेश नोरिया बरमान समिति को यही पर्ची पर जमा रकम को खाते में जमा नही करने पर कलेक्टर न तुरन्त संज्ञान में लेते हुये हटा दिया एवं FiR भी कराने के भी बात कही लगातार इसी तरह किसानों का शोषण किया जाता है ओर किसान चुपचाप शोषण का शिकार होता रहता है।

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