प्रकृति किसी से भेद नहीं करती, तो हम प्रकृति में भेद कैसे कर सकते हैं-राज्य अतिथि पूज्य महंत बालक दास जी महाराज ===========
प्रकृति किसी से भेद नहीं करती, तो हम प्रकृति में भेद कैसे कर सकते हैं-राज्य अतिथि पूज्य महंत बालक दास जी महाराज
===========
महंत श्री बालक दास जी महाराज ने बताया कि प्रकृति किसी के साथ भेद या पक्षपात नहीं करती। नदी सभी को जल देती है, पेड़ सभी को फल- फूल- औषधी देते हैं। सूर्य सभी को प्रकाश देता है। ठीक उसी प्रकार ईश्वर ने सभी को एक जैसा बनाया है, फिर हम उस प्रकृति व परमपिता परमेश्वर को मनाने वाले लोगों के साथ भेदभाव कैसे कर सकते हैं। महंत श्री बालक दास जी महाराज स्नेह यात्रा के दौरान नरसिंहपुर विकासखंड के ग्राम बुढ़ेना में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
महंत श्री बालक दास जी ने कहा कि भारत के महान संत महात्मा जैसे महर्षि बाल्मीकि जी, महर्षि वेदव्यास जी, महर्षि विश्वामित्र जी, कालिदास जी, संत शिरोमणि रविदास जी, कबीर दास जी, संत नामदेव जी, मीरा बाई आदि जाति बंधन से परे हैं।विश्व के लिए पूजनीय हैं। उनका ज्ञान, शास्त्र के उपदेश ही हम सब को एकात्मभाव से रहने की प्रेरणा दे रही है।
स्नेह यात्रा में महंत श्री अमृतानंद ने बताया कि एक दूसरे में कोई भेद नहीं है। एकात्मता, समरसता व अखण्डता भारतीय सनातन की मूल भावना है। उन्होंने बताया कि जैसे वृक्ष अपने फल स्वयं नहीं खाता, नदियां अपना जल स्वयं नहीं पीती, बल्कि लोक कल्याण के लिए सभी को प्रदान करती हैं। उसी प्रकार महात्मा जन, साधु- सन्यासी अपने कल्याण के लिए नहीं अपितु लोक कल्याण के लिए अवतरित होते हैं और कार्य करते हैं।
स्नेह यात्रा के दौरान कोदरास कला में गोविंद डेहरिया के घर पहुंचे। उन्होंने जलपान किया और उनके देवालय में पूजा- अर्चना की। विद्यार्थियों ने महंत जी का स्वागत किया। विद्यालय परिसर में महंत जी ने पौधरोपण भी किया ।
स्नेह यात्रा ग्राम बुढेना, चारबहेरिया, डुंगरिया, मेहगवा, कोदरास कला में जनसंवाद के कार्यक्रम आयोजित किये गये। ग्राम कोदरासकला में सहभोज किया। स्नेह यात्रा भूरीखोह, चांवरपाठा, जमुनिया, गोरखपुर एवं अलोद में जनसंवाद के कार्यक्रम आयोजित कर रात्रि कालीन सहभोज आलोद में किया गया।
स्नहे यात्रा में ग्राम बुढे़ना की महिलाओं द्वारा भजन का गायन किया गया। यात्रा में संतों के समरसता को सुनकर प्रसन्न हुई। ग्रामीणों ने कहा कि पहली बार कोई संत हमारे गाँव और घर आये हैं। हम सब ग्रामवासी स्नेह यात्रा में संतों एवं सनातन के समरसता मूलक विचारों को सुनकर प्रसन्न हुए। यात्रा के दौरान दीप- कलश एवं मंत्रोच्चरण कर जगह- जगह स्वागत किया गया। भजन मण्डलियों द्वारा भजन का आयोजन किया गया।