अपराधिक गतिविधियों में शामिल व्यक्ति नहीं कर सकते पत्रकारिता... पुलिस चुनाव से पूर्व करे सत्यापन…. रीवा शहर में एक फर्जी पत्रकार पकड़ा गया पुलिस ने भी संजीदगी दिखाई और तत्काल कार्रवाई की गई जिसके पास तीन विभिन्न नामों से आईडी मिली.....
अपराधिक गतिविधियों में शामिल व्यक्ति नहीं कर सकते पत्रकारिता... पुलिस चुनाव से पूर्व करे सत्यापन….
रीवा शहर में एक फर्जी पत्रकार पकड़ा गया पुलिस ने भी संजीदगी दिखाई और तत्काल कार्रवाई की गई जिसके पास तीन विभिन्न नामों से आईडी मिली.....
आईडी —- की अनुमति कौन देता है आई डी रखने का अधिकार किसे है, कितने लोगों की आईडी सूचना प्रसारण मंत्रालय नई दिल्ली से एप्रूव है,, भारत सरकार दृश्य एवं श्रव्य सूचना प्रसारण मंत्रालय नई दिल्ली से चैनलों को प्रसारित करने की अनुमति के साथ आईडी का मोनो स्वीकृति के बाद चैनल उसी अनुरूप आईडी तैयार कर संवाददाता को नियुक्ति उपरांत आईडी जारी की जाती है,,लेकिन वर्तमान समय में देखा जा रहा है कि न कहीं पंजीकरण,न खबर प्रकाशन,, इंटरव्यू लेने का अधिकार प्राप्त न होने के बाद भी स्वयं भू चैनल के नाम से स्वयं भू आईडी बना ली जाती है, और चल दिए राष्ट्रीय स्तर के पत्रकार बन कर वार्ता करने सट्टा, शराब, जुए के अड्डे की तलाश में,, कानून व्यवस्था भी अनदेखी कर ऐसी भीड़ को पत्रकार मान लिया करती है जबकि पुलिस को हर वर्ष ऐसे लोगों का सत्यापन करना चाहिए जो उनके वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष उपस्थित होकर वार्ता करते हैं,,
किसी भी घटना दुर्घटना के खुलासों की सूचना मिलते ही सुबह से ही कंट्रोल रूम की कुर्सियां कब्जा कर बोरे से सैकड़ों आई डी निकाल कर सामने रखते हैं,, आखिर यह आईडी एवं कंट्रोल रूम में या किसी सार्वजनिक स्थान पर ख़बरें कव्हरेज करने का अधिकार कैसे प्राप्त है,,, चूंकि आये दिन ऐसी घटनाएं प्रकाश में आती है कि अपराधी मीडिया वाले बन कर आये थे,,आगामी महीनों में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव होने हैं,, ऐसे स्थिति में पुलिस विभाग पुलिस अधीक्षक रीवा,,सभी पत्रकारों की नियुक्ति पत्र,, परिचय पत्र पंजीकरण प्रमाणपत्र की छाया प्रति सहित आई डी की अनुमति पत्र का सत्यापन कर ,, कानून व्यवस्था को मजबूत करने का काम किया जाना चाहिए ताकि फर्जी पत्रकार या आईडी के धौंस दिखाकर वसूली करने वाले पात्रकरों की जांच कराई जा सके।