मोदी सरकार के इस पहल से ईपीएफओ सदस्यों को मिलेगी अब ज्यादा पेंशन

मोदी सरकार के इस पहल से ईपीएफओ सदस्यों को मिलेगी अब ज्यादा पेंशन



श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के कर्मचारी पेंशन योजना के तहत पेंशन कोष से आंशिक निकासी की सुविधा (कम्युटेशन) बहाल कर दिया है। इसके एक अप्रैल 2020 से लागू होने से 6.3 लाख पेंशनभोगियों को लाभ होगा। पेंशन कम्युटेशन के तहत अंशधारकों को अग्रिम रूप से पेंशन कोष से आंशिक निकासी की सुविधा मिलती है। इस सुविधा का लाभ लेने पर पेंशन राशि 15 साल तक घटी हुई दर से मिलती है। आइए जानें सरकार के इस निर्णय से किसे] कितना और कैसे फायदा होगा. इस सुविधा को उन लोगों के लिए बहाल कर दिया गया है, जिन्होंने 25 सितंबर 2008 को या उसके पहले इसका विकल्प चुना था। पेंशन कम्युटेशन के तहत पेंशन में अगले 15 साल तक एक तिहाई की कटौती होती है और घटी हुई राशि एक मुश्त दे दी जाती है। 15 साल बाद पेंशनभोगी पूरी राशि लेने का हकदार होता है।बता दें कि अगस्त 2019 में श्रम मंत्री की अध्यक्षता में ईपीएफओ का फैसला लेने वाला शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने 6.3 लाख पेंशनभोगियों के लिए कम्युटेशन की सुविधा बहाल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।


उदाहरण के लिए, यदि आपकी पेंशन 6,000 रुपये है और अगर आप कम्युटेशन का विकल्प चुनते हैं तो आपको एकमुश्त 2,00,000 रुपये मिलेंगे। इस स्थिति में कमिटेड वैल्यू की गणना ऐसे होगी। आपकी मासिक पेंशन 6000 के एक तिहाई के 100 गुने के बराबर आपको एकमुश्त रकम मिलेगी। वहीं, आपकी मासिक पेंशन इसके बाद घटकर दो तिहाई हो जाएगी, जो 6000 की जगह आपको 4,000 रुपये मिलेंगे। 


अब नए नोटिफिकेशन के अनुसार, जिन्होंने सितंबर 2008 से पहले कम्यूटेशन का विकल्प चुना था (जब पेंशन के कम्यूटेशन का विकल्प वापस ले लिया गया था), उन्हें 2023 से बढ़ी हुई पेंशन मिलेगी।  जिन लोगों ने जनवरी 2005 में या पहले 15 साल पूरे कर लिए थे, उन्हें मासिक पेंशन मिलेगी। एंप्लॉयीज पेंशन स्कीम (EPS) नियमों के तहत 26 सितंबर, 2008 से पहले रिटायर होने वाले ईपीएफओ के मेंबर्स कम्युटेड पेंशन के रूप में पेंशन की कुल रकम का अधिकतम एक तिहाई एकमुश्त (कम्युटेड) ले सकते थे, जबकि बाकी दो तिहाई रकम उन्हें जीवनभर पेंशन के रूप में मिलती थी। ईपीएफ के मौजूदा नियमों के तहत, ईपीएफओ के सदस्यों को कम्युटेशन बेनिफिट पाने का विकल्प नहीं मिलता है।


बता दें  श्रम मंत्रालय ने ईपीएफओ के 25 सितंबर 2008 को या उसके पहले पेंशन कोष से आंशिक निकासी की सुविधा का लाभ उठाने वाले पेंशनभोगियों का पेंशन बहाल करने के निर्णय को लेकर अधिसूचना 20 फरवरी को अधिसूचित किया। इसके लिए ईपीएफओ की पेंशन योजना को संशोधित किया गया है। इस निर्णय से 6.3 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित हुए हैं। इन लोगों ने 25 सितंबर 2008 को या उसके पहले अपनी पेंशन से आंशिक निकासी का विकल्प चुना था।  


पीपुल अडवाइजरी सर्विसेज ईवाई इंडिया के निदेशक पुनीत गुप्ता कहते हैं, 'एंप्लॉयी पेंशन स्कीम के पारा 12A के तहत कोई भी कर्मचारी मंथली पेंशन की जगह एक तिहाई कम्युटेड पेंशन (एकमुश्त) का दावा कर सकता था। अब 20 फरवरी, 2020 को जोड़े गए पारा 12B के अनुसार, जिस कर्मचारी ने पारा 12A के तहत कम्युटेड पेंशन ली है, उन्हें 15 साल बाद फुल पेंशन का फायदा मिलेगा।


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