जाती हुई ठंड आपको बीमार न कर दे 

जाती हुई ठंड आपको बीमार न कर दे 









जाती हुई सर्दी में कई तरह के संक्रमण होने लगते हैं। इस समय हल्का प्रदूषण रहता है, साथ ही कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया हवा में मौजूद होते हैं, जिस कारण वायरल, फ्लू या संक्रमण हो जाता है। सामान्य संक्रमण थोड़ी सावधानी बरतने पर 2-3 दिन में ठीक हो जाता है लेकिन वायरल और फ्लू में दवा लेने की जरूरत पड़ जाती है। 


ठंड के एक लंबे दौर के बाद आखिरकार अब मौसम में बदलाव महसूस होने लगा है। वैसे भी फरवरी के मध्य से ठंड का बोरिया बिस्तर बंधने लगता है। लेकिन दिन की तुलना में रातें अभी भी काफी ठंडी बनी हुई हैं। दोपहर में जहां देर तक सीधी तेज धूप बर्दाश्त नहीं हो रही है, वहीं रात में अब भी हल्के गर्म कपड़ों की जरूरत पड़ती है।
दरअसल, दिन और रात के तापमान में उतार-चढ़ाव स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी नुकसानदायक हो सकता है। क्योंकि जाती हुई ठंड के साथ हिचकोले खाता यह तापमान अपने संग वायरल एवं बैक्टीरिया जनित संक्रमणों को साथ लाता है, जिसकी वजह से खांसी, नजला, जुकाम, बुखार, बदन दर्द, पेट में संक्रमण, सांस की समस्या, मलेरिया, गले में दर्द, अपच आदि समस्याएं हमें घेर लेती हैं।  
खासतौर से वे लोग, जो पहले से बीमार हैं, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, बच्चे एवं महिलाएं तथा एनीमिया से पीड़ित लोग बदलते मौसम के संक्रमण और वायरल इन्फेक्शन से सर्वाधिक  ग्रस्त होते हैं। एक बार संक्रमण हो जाने पर अब शुरुआत में ही सावधानी न बरती जाए या इलाज न किया जाए तो निमोनिया या फेफड़ों में इन्फेक्शन भी हो सकता है। हालांकि हर साल मौसम बदलने के साथ वायरल और संक्रमण आम बात है और कई बार थोड़े परहेज, घरेलू इलाज वगैरह से यह 7 से 10 दिन में ठीक भी हो जाता है। लेकिन कामकाजी लोगों, छात्रों और महिलाओं को इसे खुद पर हावी नहीं होने देना चाहिए।
वायरस और इन्फेक्शन का प्रकोप
हमारे आसपास तरह-तरह के वायरस मौजूद रहते हैं और अलग-अलग परिस्थितियों में सक्रिय एवं निष्क्रिय होते रहते हैं। इन दिनों तापमान में उतार-चढ़ाव के साथ क्लोज कॉन्टैक्ट बढ़ जाता है। आसपास करीब 6 फीट के घेरे में अगर कोई व्यक्ति इन्फेक्शन से पीड़ित है, तो इसकी आशंका है कि उसके निकट मौजूद लोग भी संक्रमित हो जाएं। इसलिए कई बार देखा जाता है कि घर में किसी को वायरल या संक्रमण हुआ है तो बाकी सदस्य भी एक-एक करके प्रभावित होने लगते हैं। मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोगों से पीड़ितों के लिए इस मौसम में कई तरह की दिक्कतें बढ़ जाती हैं।
इस मौसम में सांस लेते समय हवा के साथ असंख्य वायरस हमारे शरीर में पहुंचते हैं। इन दिनों सुबह एवं शाम को वातावरण में प्रदूषण की हल्की सी परत छाई रहती है। सार्वजनिक स्थलों, भीड़भाड़ वाली जगहों, कार्यस्थलों, सिनेमाघरों, मॉल या स्कूलों आदि में जब संक्रमित व्यक्ति बिना मुंह पर रूमाल रखे छींकता या खांसता है, तो उसके आसपास मौजूद लोग भी वायरस की चपेट में आ जाते हैं। क्योंकि उसके द्वारा छोड़े गए ड्रॉप्लेट्स हवा में फैल जाते हैं और वायरस बहुत लोगों को संक्रमित कर देता है।
जाती हुई इस ठंड में खांसी, सर्दी, नजला, जुकाम, बुखार, गले में दर्द जैसी दिक्कतें होती ही हैं और स्वाभाविक रूप से इनका हल भी मिल जाता है। इसके बावजूद ये जानना जरूरी है कि आखिर आपको वायरल, फ्लू और संक्रमण में से हुआ क्या है?
दरअसल, वायरल बढ़ता है तो वह फ्लू का रूप ले लेता है। फ्लू में तेज बुखार के कारण लोग बिस्तर से उठ ही नहीं पाते। एक ही समय में खांसी, जोर की छींकें आना, नाक बहना, गले में दर्द, संक्रमण, शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द आदि के चलते फ्लू तीन-चार दिनों में ही नाम में दम कर देता है। फ्लू में बिना डॉक्टर के पास जाए और दवा लिए बात नहीं बनती, जबकि वायरल कई बार 2-3 दिन में खुद ठीक हो जाता है। हालांकि फ्लू भी एंटी वायरल दवाओं से ठीक हो जाता है। वायरल का सही इलाज न होने पर बच्चों में यह डायरिया का कारण बन सकता है। सामान्य संक्रमण से सावधानी बरतकर काफी हद तक बचा सकता है। मसलन, भीड़भाड़ वाली जगहों पर मुंह ढकें, सफाई का ध्यान रखें, दिन में कई बार मुंह-हाथ धोएं, खांसते या छींकते समय मुंह पर रूमाल रखें, ताकि सामने वाला संक्रमण से प्रभावित न हो। बहती नाक को बार-बार पोंछने के लिए अलग से रूमाल रखें या टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करें।


’ इन दिनों शादी-ब्याह और पार्टीज वगैरह भी खूब होते हैं। इसलिए अनापशनाप खाने-पीने से फूड पॉइजनिंग जैसी दिक्कतें हो सकती हैं, जिसकी वजह से उल्टी-दस्त लग सकते हैं।
’ पानी खूब पिएं। दस्त होने की स्थिति में शरीर में पानी की कमी हो सकती है और स्थिति बिगड़ने पर अस्पताल भी जाना पड़ सकता है। बेशक थोड़ा-थोड़ा ही सही, लेकिन कुछ-कुछ देर में पानी अवश्य पीते रहें।
’ अपने भोजन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बढ़ाएं। सूखे मवे, चावल, गेहूं, टमाटर, सेब आदि का सेवन करें।
’ ग्रीन टी का सेवन करें। इससे कोलेस्ट्रॉल, दिल के रोगों सहित कई बीमारियों में फायदा होता है।
’ गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें। दूध, चाय, कॉफी या सूप पीकर आप अपने शरीर को गर्म रख सकते हैं और खुद को फ्लू, वायरल और संक्रमण से बचा सकते हैं।इन दिनों लोग ठंड लगने की वजह से भी बीमार होते हैं।
’  बादाम, दूध, खसखस, काली मिर्च, बड़ी इलाइची और खरबूजे के बीच से बनने वाले गर्म पेय निसाफता का सेवन करें।
’ गर्म तासीर वाली मुलैठी का सेवन करें। इसे पानी में डालकर उबाल लें और फिर इसमें चीनी, तुलसी और इलाइची मिलाकर पिएं। इससे शरीर गर्म रहेगा और सर्दी-खांसी से भी बचेंगे। ’ इम्युनिटी बढ़ाने के लिए दही और ओट्स का सेवन करें। इस मौसम में वायरल या संक्रमण आदि से बचाव में खानपान की अहम भूमिका होती है। ताजा, शुद्ध और संयमित मात्रा में किया गए भोजन से न केवल आपकी इम्युनिटी बढ़ेगी, बल्कि आप रोगों से भी मजबूती से लड़ सकेंगे। 









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